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Backमरू क्षेत्रीय परिसर- भा.कृ.अनु.केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान,बीकानेर का 46 वां स्थापना दिवस एवं कृषक वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन



मरू क्षेत्रीय परिसर- भा.कृ.अनु.केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान,बीकानेर ने अपना 46 वां स्थापना दिवस 4 अप्रैल 2019 को हर्षौल्लास के साथ मनाया। इस अवसर पर किसान - वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें लगभग 250 किसानों को विशेषज्ञों ने भेडों के उचित खान- पान, स्वास्थ्य सुरक्षा तथा प्रजनन संबंधी विषयों पर जानकारी दी। इस अवसर पर मगरा, मारवाड़ी, चोकला तथा अविशान किस्म के मेढों की सजीव पशु प्रदर्शनी भी आयोजित की गई। भेंडपालको एवं किसानों कों आई सी ए आर की वैज्ञानिक तकनीको से  अवगत कराने के लिए लगभग दस शोध संस्थानों से प्रदर्शनी भी आयोजित की गई जिसमें किसानों एवं महिलाओं ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया। इस अवसर पर संस्थान की ओर से भेड़पालको के हित में भेड़ों में कृत्रिम गर्भाधान तथा मरू क्षेत्र परिस्थतकी में भेड़ो के लिये पाई जाने वाली मुख्य चारा वनस्पति  शीर्षक पुस्तिकाओं का विमोचन किया गया। इसके अलावा लोगों में वृक्षारोपण के प्रति जागरूकता को बढाने के उददेश्य से  मारवाड़ी भेड़ो के बाडे पर पौधारोपण किए गये। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. (डॉ.) विष्णु शर्मा कुलपति, राजुवास एवं एसकेआरयु ने किसानों को संबोधित किया तथा भेड पालकों को मिश्रित शुष्क कृषि जिसमें पशुपालन के साथ साथ बागवानी एवं  कृषि का समन्वय कर भेड़पालको की आय को बढाने पर जोर दिया। इस कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रूप में डॉ. अशोक कुमार , सहायक महानिदेशक पशु स्वास्थ्य, (आइ सी ए आर)  ने मरू क्षेत्र में भेड़ों की किस्मों को उन्नत करने तथा भेडो़ को बिमारियों से बचाने में इस संस्थान की भूमिका की सराहना की तथा भेडपालको को भेड़ों के बेहतर स्वास्थ्य प्रबंधन के बारे में वैज्ञानिक जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर  केन्द्रीय भेड़ व ऊन अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ अरूण कुमार तोमर ने मरू क्षेत्र में भेड़ों की उपयोगिता व विभिन्न किस्मों की भेड़ों के बारे में विस्तार से बताया तथा भेड़ों के वैज्ञानिक प्रबंधन द्वारा भेड़ों की उत्पादकता को बढाने के बारे में विस्तार से चर्चा की। उन्होने भेडों को गरीब किसानो परिवारों की स्थायी आय में भूमिका को रेखांकित किया तथा संस्थान के द्वारा विकसित विभिन्न वैज्ञानिक तकनीको को किसानो तक पहुंचाने की आवश्यकता पर बल दिया। इसके अलावा डॉ. पी.एल.सरोज, निदेशक केन्द्रीय शुष्क एवं बागवानी संस्थान बीकानेर ने किसानों को मरूक्षेत्र में विभिन्न बागवानी फसलों जैसे अनार, बेर के बारे में जानकारी प्रदान की। इसके साथ ही डॉ. गोपाल लाल निदेशक, राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केन्द्र,अजमेर, डॉ आर.के.सावल,निदेशक राष्ट्रीय उष्ट्र अनुसंधान संस्थान, ग्रुप कैप्टन के एस शेखावत, डॉ.एस.एस दहिया, निदेशक, राष्ट्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान हिसार, डॉ. एन.वी.पटिल, निदेशक केन्द्रीय गौ अनुसंधान केन्द्र मेरठ तथा डॉ. विनीत भसीन प्रधान वैज्ञानिक,( आइ सी ए आर ) ने किसानो को संबोधित किया। इस अवसर पर मरू क्षेत्रीय परिसर के प्रभागाध्यक्ष डॉ. एच के नरूला ने मरू क्षेत्र के  विकास में संस्थान के पिछले 45 वर्षो के योगदान को रेखांकित करते हुए भेड़पालको को भेड़ों की विभिन्न किस्मों मगरा , मारवाड़ी,चोकला से उत्पादित ऊन की गुणवत्ता के बारे में जानकारी दी। संस्थान द्वारा विकसित वैज्ञानिक तकनीकों को भेड़पालको तक विभिन्न परियोजनाओ के माध्यम से भेंडपालको तक पहुंचा कर उनकी आमदनी बढ़ाने मे योगदान दे रहा है। संस्थान के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी श्री सुरेश कुमार ने सभी पधारे हुए अतिथियों, किसानों महिलाओं को धन्यवाद ज्ञापित किया तथा मरू क्षेत्रीय परिसर के सभी वैज्ञानिक,अधिकारी, कर्मचारियों  को स्थापना दिवस के सफल आयोजन पर हार्दिक बधाई दी।



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