CSWRI Logo CSWRI Title ICAR Logo  
BLTC BRTC

Backडूँगरपुर जिले के जनजाति क्षेत्र में आजीविका सुधार के लिए भेड, बकरी एवं खरगोश पालक किसानों के लिए किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी का आयोजन



 भाकृृअपः- केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर, मालपुरा द्वारा डूँगरपुर जिले के ग्राम पंचायत सवगढ,पंचायत समिति दोवड़ा में 14 दिसम्बर, 2022 को किसान-वैज्ञानिक संगोष्ठी एवम् प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन अनुसूचित जनजाति उपयोजना (टीएसपी सेल) के द्वारा किया गया है।  माननीय डॉ. अरुण कुमार तोमर, निदेशक, केन्द्रीय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर भी इस कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे है। डॉ. सीएम बलाई, प्रभारी, कृषि विज्ञान केन्द्र डूँगरपुर, श्रीमान सागर अहारी, प्रधान पं.स., दोवड़ा डुँगरपुर, डॉ. सत्यवीर सिंह डाँगी, वैज्ञानिक,अविकानगर, श्रीमान इन्द्र भूषण कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी अविकानगर, श्रीमती आशा देवी अहारी, सरपंच ग्राम पंचायत सवगढ़, डॉ़. गणेश सोनावणे नोडल अधिकारी टीएसपी अविकानगर , श्रीमान मोहनलाल उपाध्याय, नायब तहसीलदार देवाड़ा ब्लॉक भी कार्यक्रम में विशिष्ठ अतिथि के रुप में भाग लिए है। 

 जनजाति के किसानों को भेड़ पालन एवम् बकरी पालन व्यवसाय से जुडकर आजीविका बढाने के बारे में अविकानगर संस्थान के वैज्ञानिकों द्वारा जानकारी दी गई। निदेशक महोदय डॉ. अरुण कुमार तोमर ने बताया कि चयनित जनजाति भेड़-बकरी पालक किसान संस्थान द्वारा प्राप्त उन्नत नस्लों के पशुओं का टीएसपी क्षेत्र के अन्य किसानों के बीच वितरण एवम प्रसारण में मेरे संस्थान का सहयोग करें। साथ ही अपने बीच उपस्थित चयनित प्रगतिशील जनजाति महिलाओं और पुरुष किसानों द्वारा अपनाई गई संस्थान के कौशल विकास को क्षेत्र के अन्य किसानों के बीच ज्यादा से ज्यादा ज्ञान का वितरण करने का भी आहवान किया। मैं संगोष्टी में मौजूद सभी किसान भाईयों को निवेदन करता हुँ कि पशु पालन व्यवसाय को बिना चारागाह में भेजे ही घर पर उचित मात्रा में दाना, चारा आदि का प्रबंधन कर बाजार आधारित जरुरत के हिसाब से अ़च्छी आय प्राप्त करें। ओर सभी जनजाति किसान भाईयों से निवेदन है कि अपने परिवार में तकनीकी शिक्षा, स्वास्थ्य, गुणवता युक्त पोषण एवम बच्चों को अच्छे संस्कार देकर देश के विकास में योगदान दें। सभी जनजाति किसान भाई संगठित होकर सहकारी संस्थाओं का निर्माण करे एवम पशुपालन उत्पादो को सीधे अपने फार्म से उपभोक्ताओं तक पहुचाए। ताकि खेती एवं पशुपालन व्यवसाय में बिचौलिओं की भूमिका को नियंत्रित करके अच्छा मुनाफा कमाया जा सके । साथ में वर्तमान समय की मांग के अनुसार मूल्य संवर्धन आधारित उत्पादों का निर्माण करके सहकारी संस्थाओं के माध्यम से बडे शहरो के बाजार से जुड़कर अच्छी आमदनी प्राप्त करे। घटते प्राकतिक संसाधन में भी भेड़-बकरी पालक किसान वैज्ञानिक तरीके से अपने फार्म का प्रबंधन करे। साथ में पशु-पोषण, पशु स्वास्थ्य एवं हरा और सूखे चारे का प्रबंधन से भेड़ बकरी पालन से अच्छी आय प्राप्त करे। 

 संस्थान की ओर से विकसित अधिक मेंमने देने वाली अविशान भेड़ का पालन कर देशी भेड़ो की तुलना में ज्यादा मेंमने प्राप्त करे, जिनको बेचने पर ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जा सके। मुख्य अतिथि महोदय माननीय श्रीमान गोपीचन्द मीना विधायक आसपुर ने सभी किसान भाईयों से निवेदन किया कि ज्यादा से ज्यादा संस्थान के उन्नत तकनीकियों का लाभ उठायें और संस्थान कि तकनीकियों का अन्य लोगो के मध्य प्रचार प्रसार करें। भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना खेती एवम पशु पालन के बिना पुरी नहीं हो सकती । भारत सरकार चाहती है कि गाँव का युवा शहरों की तरफ ना जाकर सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का फायदा लेते हुए अपनी पैेतृृक जमीन जायदाद से नवीनतम  वैज्ञानिक पद्वति से बागवानी, विभिन्न मौसम आधारित सब्जियों, पशुपालन व डेयरी आदि का व्यवसाय करके अच्छा मुनाफा कमायें। 

 संस्थान निदेशक एक दिन पहले दिंनाक 13 दिसम्बर 2022 को भाटपुर ग्राम पंचायत ब्लाक व जिला डूँगरपुर में श्रीमति कान्ता देवी प्रधान ब्लाक डूँगरपुर, श्रीमति सुरता परमार उपजिला प्रमुख डूँगरपुर, श्रीमान प्रकाश चन्द कटारा सरपंच भाटपुर एवं अपने सभी अविकानगर संस्थान से पधारे वैज्ञानिकों ओर अधिकारी के साथ शाम 6 बजे रात्री चौपाल एवं किसान-वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम में आदिवासी भेड,बकरी व खरगोश पालक किसानों के साथ विस्तृत संवाद किया गया। कार्यक्रम में उपस्थ्ति आदिवासी भेड,बकरी व खरगोश पालक किसानों की विभिन्न समस्याओं पर विस्तार से निदेशक महोदय व विषय विशेज्ञयों ने समाधान किया। निदेशक महोदय ने भेड,बकरी व खरगोश पालन व्यवसाय को डूँगरपुर जिले के लिये आजीविका के लिये महत्वपूर्ण बताया। साथ में टीएसपी उपयोजना से जुडे लाभार्थियों से पूर्व में वितरित कृषि ओर पशुपालन की प्रगति की समीक्षा की।

 साथ में जहाँ बड़े पशु गाय - भेंस का पालन संभव नहीं है वहाँ पर मेरे संस्थान के पशु का पालन आसानी से   कम से कम संसाधनो में किया जा सकता है। अन्त में रात्री चौपाल कार्यक्रम में निदेशक महोदय ने भेड,बकरी पालन को एटीएम की तरह मानते हुए क्लाइमेंट स्मार्ट पशु बताया । रात्री चौपाल कार्यक्रम उपस्थित अन्य सभी अतिथियों ने भी संस्थान की डूँगरपुर जिले में किये जा रहे कार्यक्रम की प्रशंसा की तथा साथ में आदिवासी लोगो को ज्यादा से ज्यादा फायदा लेने की अपिल की। अन्त में रात्री चौपाल में कार्यक्रम में उपस्थित सभी आदिवासी लोगों को विद्युत की बचत के लिए एलईडी बल्ब का भी वितरण टीएसपी उपयोजना के अर्न्तगत किया गया। 

 14 दिसम्बर के कार्यक्रम को श्रीमान सागर अहारी प्रधान दोवडा ब्लाक ने खेती एवम पशुपालन व्यवसाय से केैसे जनजाति किसान ज्यादा से ज्यादा लाभ कमाये के बारे में बताया । तथा खेती एवम पशुपालन के व्यवसायीकरण की ओर ले जाने पर उदाहरण स्वरुप संवाद किया । कार्यक्रम को डॉ़. गणेश सोनावणे नोडल अधिकारी टीएसपी ने भी संस्थान द्वारा चलाई जा रही टीएसपी योजना के योगदान भूमिका को रेखांकित किया। प्रभारी, कृृषि विज्ञान केन्द्र, डुँगरपुर ने भी  कृषि एवं पशु पालन आधारित व्यवसाय के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओ एवं केवीके द्वारा की जा रही विभिन्न गतिविधियों पर विस्तार से संवाद किया ।

 अन्त में संस्थान के निदेशक डॉ. अरूण कुमार तोमर एवं उनके समस्त वैज्ञानिकों, तकनीकियों एवं सहायक सहयोगी को धन्यवाद दिया की आपने संस्थान की उन्नत पशुओं एवं तकनीकियों के प्रचार-प्रसार डूँगरपुर जिले के जनजाति किसानों के लिए विगत 7-8 वर्षो से करते आ रहे है। हम इस तरह भारत सरकार की आत्मनिर्भरता योजना में आम्तनिर्भरता की पहल भेड़, बकरी व खरगोश पालन से पुरा कर सकते है। इसी तरह किसानों की आय दुगनी करने में संस्थान अपना भरसक प्रयास जनजाति किसानों के लिए करते रहेगें। 

 कार्यक्रमों में उपस्थित अतिथियों द्वारा अनुसूचित जनजाति उपयोजना में चयनित लाभार्थियों को नस्ल सुधार हेतु 60 उन्नत नस्ल के मालपुरा/अविशान तथा 20 मालपुरा नस्ल की भेड़ो का वितरण 60 आर्थिक रुप से कमजोर आदिवासी परिवारों को वितरण कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों के द्वारा किया गया। साथ ही सभी उपरोक्त लाभार्थियों को 50 किलोग्राम का भेड़-बकरी पशु आहार, स्टील की बाल्टी, तसला, फिडिंग ट्रफ आदि का भी वितरण किया गया। साथ में 50 आर्थिक रुप से कमजोर विद्यालय के आदिवासी छात्र-छात्राओं को भी प्रोत्साहन के रुप में 2 लीटर पानी की बोतल का भी कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों के द्वारा किया वितरण गया। 20 लोहे की टिनसेड़ मय गेट भी टीएसपी योजना से जुडे़ हुए प्रगतिशील भेड़,बकरी व खरगोश पालक आदिवासी किसानों को भी कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों के द्वारा वितरण किया गया। साथ में पुर्व में चयनित विधवा, व बीपीएल आदि महिलाओं ओर पुरुष आदिवासी किसानों को भी 200 किलोग्राम पशुदाना भंडारण लोहे की टंकी व 50 किलोग्राम का भेड़-बकरी पशु आहार बैगस का भी वितरण कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों के द्वारा किया गया। इस तरह 13 14 दिसम्बर 2022 के कार्यक्रम में डूँगरपुर जिले की विभिन्न तहसील 380 आदिवासी लोगों को टीएसपी उपयोजना के अर्न्तगत लाभान्वित किया गया। टिनशेड मे 5 शीट blue color स्टील टिन, एक जाली बंडल, एक लोहा गेट ऐवम 10 पाइप लोहा 18 फीट इस तरह 20 भेड़,बकरी ऐवम खरगोश के लिए बड़ा शेड दिया | 

 कार्यक्रम में डूँगरपुर जिले के ब्लाक दोवडा (रघुनाथपुरा, शवगढ, रतनपुरा, सडली, हथाई, ढोलवर, भरतपुर, कहारी, आदि पंचायतों के गांव) डूँगरपुर ब्लाक (भाटपुर, माथूगमडा, मनपुर, आदि), झोतरी ब्लाक (पाडली, झोतरी आदि),चिखली ब्लाक (पोपटली व बोढामली आदि),सीमलवाडा ब्लाक एवम आसपुर ब्लाक के अनेकों गांवो के चयनित आदिवासी लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया। 



BBLC BBRC